सुनने में आया की इटली सरकार ने किसी हेलीकाप्टर निर्माण के कंपनी मालिक को गिरफ्तार कर लिया । इलज़ाम ये की उसने भारत सरकार को रिश्वत में कुछ सौ करोड़ दिए । भाई, उसने दिए, हमारे अफसरों ने लिए - बीच में इटली की सरकार को क्या प्रॉब्लम है ? ये तो वोही बात हुई की तेली का तेल जले, मशालची की जान जले । और यूं भी इटली और भारत का तो समधाने का रिश्ता है । और रिश्तेदारी में रिश्वत कैसी ?
मै तो इस विषय में पहले भी लिख चुका हूँ की खाना और खिलाना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है । अब विदेशी लोग, चाहे वो Walmart हो या AugustaWestland, यहाँ आकर हमारी संस्कृति को अपना रहे है तो ये तो गर्व की बात है । इटली सरकार तो फिर भी विदेशी है, समझ सकते हैं की उसे हमारे तौर-तरीको की समझ नहीं। पर ये केजरीवाल, अन्ना ये सब तो भारत की ही उपज हैं ! अभी कुछ दिन हुए, केजरीवाल चिल्ला रहा था की अम्बानी ने पैसा यहाँ रखा है, वहां रखा है । मैंने कहा भाई मेरे, उसका पैसा, अपने swiss account में ना रखे तो क्या तेरे भारतीय account में रखेगा? तो केजरीवाल कहते हैं, नहीं प्रॉब्लम ये है की वो टैक्स नहीं देता । मै कहता हूँ, भाई रिश्वत तो देता है । अम्बानी ने दिया, सरकार ने लिया - अब तुम उसे टैक्स कहो या रिश्वत या चन्दा ये तो मात्र शब्दों का फेर है ।
ऐसा नहीं है की इन deals की तहकीकात करने से कोई फायेदा नहीं होता । CBI के अफसरों के विदेशी दौरे बन जाते है, डॉलर में per diem की बचत हो जाती है, सैर सपाटा अलग। अब ये तो सीबीआई वाले भी भली भांती जानते है, की ये तहकीकात चिर काल तक समाप्त नहीं होनी । सीबीआई के अफसर आते रहेंगे, जाते रहेंगे, रिटायर होंगे, आरोपी स्वयं स्वर्गलोक को प्राप्त हो जायेंगे, मगर सीबीआई की इन्क्वायरी - समझो द्रौपदी की साडी - कभी ख़त्म नहीं होगी । वैसे इन्क्वायरी हमेशा चालू रखने से एक और फायेदा होता है। देश में राजनैतिक स्थिरता बनी रहती है । आपको ध्यान होगा, पिछले दिनों बहुत से राजनैतिक दल सरकार के FDI (retail ) का विरोध कर रहे थे । न्यूज़ चैनल बढ़-चढ़ के बता रहे थे, अब सरकार गिर जाएगी । पर भाई, सीबीआई की चालु इन्क्वायरी इसी दिन काम आती है । रातो-रात लालू से लेकर मायावती तक, सब लाइन पे आ गए ।जरा सोच के देखो अगर कहीं घोटाले और इन्क्वायरी ना होती । बात बात पे सरकारें गिर जाती । देश आगे ही नहीं चल पाता ।
मै तो कहता हूँ देश में VVIP होने के दो ही प्रमाण मान्य है - या तो आप गांधी परिवार के बहुत करीब हैं , या आप पर सीबीआई की इन्क्वायरी चल रही है । अगर ये दोनों बाते आप पर लागू नहीं होती, तो आप मेरी तरह इस असाधारण देश के साधारण नागरिक हैं । इसीलिए आपने अक्सर देखा होगा, जब भी किसी का नाम घोटाले में आता है, वो व्यक्ति बहुत उछल- उछल के कहता है - मेरी इन्क्वायरी सीबीआई से करा लो, मेरी भी करा लो ....आदि आदि । अभी त्यागी बंधू यह मांग कर रहे हैं । और क्यों ना करें - सीबीआई इन्क्वायरी कोई डरने की चीज नहीं , ये तो सरकार की ओर से इस बात की पुष्टि है, की आप बड़े महत्वपूर्ण आदमी हैं ।
मै तो इस विषय में पहले भी लिख चुका हूँ की खाना और खिलाना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है । अब विदेशी लोग, चाहे वो Walmart हो या AugustaWestland, यहाँ आकर हमारी संस्कृति को अपना रहे है तो ये तो गर्व की बात है । इटली सरकार तो फिर भी विदेशी है, समझ सकते हैं की उसे हमारे तौर-तरीको की समझ नहीं। पर ये केजरीवाल, अन्ना ये सब तो भारत की ही उपज हैं ! अभी कुछ दिन हुए, केजरीवाल चिल्ला रहा था की अम्बानी ने पैसा यहाँ रखा है, वहां रखा है । मैंने कहा भाई मेरे, उसका पैसा, अपने swiss account में ना रखे तो क्या तेरे भारतीय account में रखेगा? तो केजरीवाल कहते हैं, नहीं प्रॉब्लम ये है की वो टैक्स नहीं देता । मै कहता हूँ, भाई रिश्वत तो देता है । अम्बानी ने दिया, सरकार ने लिया - अब तुम उसे टैक्स कहो या रिश्वत या चन्दा ये तो मात्र शब्दों का फेर है ।
ऐसा नहीं है की इन deals की तहकीकात करने से कोई फायेदा नहीं होता । CBI के अफसरों के विदेशी दौरे बन जाते है, डॉलर में per diem की बचत हो जाती है, सैर सपाटा अलग। अब ये तो सीबीआई वाले भी भली भांती जानते है, की ये तहकीकात चिर काल तक समाप्त नहीं होनी । सीबीआई के अफसर आते रहेंगे, जाते रहेंगे, रिटायर होंगे, आरोपी स्वयं स्वर्गलोक को प्राप्त हो जायेंगे, मगर सीबीआई की इन्क्वायरी - समझो द्रौपदी की साडी - कभी ख़त्म नहीं होगी । वैसे इन्क्वायरी हमेशा चालू रखने से एक और फायेदा होता है। देश में राजनैतिक स्थिरता बनी रहती है । आपको ध्यान होगा, पिछले दिनों बहुत से राजनैतिक दल सरकार के FDI (retail ) का विरोध कर रहे थे । न्यूज़ चैनल बढ़-चढ़ के बता रहे थे, अब सरकार गिर जाएगी । पर भाई, सीबीआई की चालु इन्क्वायरी इसी दिन काम आती है । रातो-रात लालू से लेकर मायावती तक, सब लाइन पे आ गए ।जरा सोच के देखो अगर कहीं घोटाले और इन्क्वायरी ना होती । बात बात पे सरकारें गिर जाती । देश आगे ही नहीं चल पाता ।
मै तो कहता हूँ देश में VVIP होने के दो ही प्रमाण मान्य है - या तो आप गांधी परिवार के बहुत करीब हैं , या आप पर सीबीआई की इन्क्वायरी चल रही है । अगर ये दोनों बाते आप पर लागू नहीं होती, तो आप मेरी तरह इस असाधारण देश के साधारण नागरिक हैं । इसीलिए आपने अक्सर देखा होगा, जब भी किसी का नाम घोटाले में आता है, वो व्यक्ति बहुत उछल- उछल के कहता है - मेरी इन्क्वायरी सीबीआई से करा लो, मेरी भी करा लो ....आदि आदि । अभी त्यागी बंधू यह मांग कर रहे हैं । और क्यों ना करें - सीबीआई इन्क्वायरी कोई डरने की चीज नहीं , ये तो सरकार की ओर से इस बात की पुष्टि है, की आप बड़े महत्वपूर्ण आदमी हैं ।
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