Thursday, August 8, 2013

उत्तर प्रदेश में दुर्गा शक्ति

ये आजकल media में किसी दुर्गा शक्ति का मामला बड़ा उछल रहा है । सुनने में आया कोई ईमानदार नौकरशाह थी, सरकार को बर्दाश्त नहीं हुई, suspend  हो गयी । मुझे बड़ा confusion  हुआ खबर सुनके । पहले तो ये बताओ कि जब ईमानदार थी तो मैडम ने आईएस की परीक्षा क्यों दी ? और चलो परीक्षा भी दे दी, मै कहता हूँ सिलेक्शन भी हो गया, पर फिर उत्तर प्रदेश cadre में आने को किसने कहा ? ये तो ऐसा हुआ की तैरना हम चाहते नहीं, और कूदेंगे महासागर में !

अच्छा आज एक और खबर आई। हिमाचल में भी किसी युनिस खान नामक SDM ने रेत माफिया से पंगा ले लिया । वो भी दुर्गा मैडम के ही batch के हैं । मै तो कहता हूँ  इस बात की गहराई से जांच होनी चाहिए । ऐसा मालूम होता है की ये २०१० के बैच को लाल बहादुर अकादमी में कोई जरूरी कोर्स कराना इस बार भूल गए । वर्ना आईएस और लोकल MLA  का तो ऐसा सम्बन्ध होता है जैसे दिया और बाती !! इस बैच के लोगो को भारत में governance के बारे में कोई ज्ञान ही ना हो, ऐसा लग रहा है । एक काबिल अफसर का काम है, जनता द्वारा चुने हुए नेताओं को ज्यादा से ज्यादा फायेदा पहुचाना । और चलो इन लोगो ने flying squads वगरह भी बना लिए । इन सबका मकसद यहाँ तक होता की डरा धमका के थोड़ी फ़ालतू रिश्वत वसूल लें कोई दिक्कत नहीं थी । मगर ये मैडम तो सरकारी राजस्व को फायेदा पहुचने के इरादे में थी । अजी सरकारी राजस्व तो आपको ससपेंड करने से भी बचा लेंगे । और एक नेता ने तो कहा भी, की केंद्र सरकार सभी आईएस को वापिस बुला ले, हम सरकार फिर भी चला लेंगे । सही बात है । उत्तर प्रदेश को तो यूं भी दशकों से माफिया ही चला रहा है, तो ये आईएस वगरह की तनख्वाह पे पैसे क्यूँ बर्बाद करें । इसे कहते हैं "saving taxpayer's hard earned money "!!

अच्छा श्री आजम खां का बयान भी गौरतलब है । आपने फरमाया कि  रेत, खनिज आदि तो कुदरत की देन है, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट । इसे कहते हैं free market economy । में तो कहूँगा वास्तविक रूप से स्वंत्रता तो सिर्फ उत्तर प्रदेश को ही मिली है (हालाँकि १५ अगस्त पूरा देश मनाता है )।  उत्तर प्रदेश में व्यक्ति जो करना चाहे उसके लिए स्वतंत्र है । किसी और के बनाये कायदे-कानून की उसपे कोई रोक थाम नहीं है ।
एक सेवाभिलाशी सांसद  ने दुर्गा जी के सस्पेंशन को लोकतंत्र की जीत भी बताया । वैसे भारतीय लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा तो है ही, सबसे रोचक भी है । जरा सोचिये यहाँ एक SDM ने नॉएडा में कुछ किया, उसका परीणाम ये की संसद में फ़ूड सिक्यूरिटी बिल लटक जायेगा । मारो कहीं, लगे कहीं ।

अच्छा इस सब से एक काम ये भी हो रहा है की मीडिया वाले शोर मच रहे हैं कि आईएस अधिकारीयों को ज्यादा स्वायत्ता दे दो । इनका सोचना है की ऐसा करने से ज्यादा पारदर्शिता आएगी । मेरे तो समझ नहीं आता कैसे ? कोई सभी आईएस दुर्गा मैडम जैसे नासमझ तो हैं नहीं । और भाई, पारदर्शिता लाकर भी क्या करना, हमने तो गांधी जी से सीखा है की बुरा ना ही देखो तो अच्छा !!


अच्छा कांग्रेस का बयान भी अच्छा लगा इस सब में । जब पुछा गया की सोनिया जी इस मामले में ही क्यूँ बोल रही हैं, खेमका के मामले में क्यूँ नहीं, वो भी तो ईमानदार थे । तो कांग्रेस कहती है - ना ना हम तो सिर्फ ट्रान्सफर करते हैं ईमानदार अफसरों का, ससपेंड नहीं । और मुझे तो मुख्य मंत्री जी का भी बयान बड़ा जँचा - आईएस को ससपेंड करना वैसे ही जरूरी है, जैसे मास्टर का स्टूडेंट को पीटना । …. मगर बच्चों को school में पीटने को तो सर्वोच्च न्यायालय ने गैर - कानूनी करार दिया था.…. अब सर्वोच्च न्यायालय का क्या, उन्होंने तो सरकारी जमीन में धार्मिक स्थल बनाने को भी गैर कानूनी कहा था.……….
Durga shakti supporters


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